अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस
- वर्ष 1966 में यूनेस्को द्वारा 8 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था।
- वर्ष 2021 के लिये अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम ‘मानव-केंद्रित रिकवरी हेतु साक्षरता: डिजिटल डिवाइड को कम करना’ है।
- पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1967 में मनाया गया था और अब यह दिवस बीते 50 से अधिक वर्षों से प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है।
- महामारी के कारण स्कूल की कक्षाओं को ऑनलाइन कर दिया गया, जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी गरीबों में डिजिटल विभाजन और अधिक गंभीर हो गया।
- भारत में वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, कुल 74.04 प्रतिशत साक्षर हैं, जो पिछले दशक (2001-11) से 9.2 प्रतिशत अधिक है।
- यूनेस्को के अनुसार, भारत को सार्वभौमिक साक्षरता प्राप्त करने में और 50 वर्ष (यानी वर्ष 2060) लगेंगे।
‘बिज़नेस ब्लास्टर्स’ कार्यक्रम
- दिल्ली सरकार ने ‘बिज़नेस ब्लास्टर्स’ नामक एक कार्यक्रम की शुरुआत की है।
- ‘उद्यमिता माइंडसेट कोर्स’ के तहत दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में लागू होने वाले कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल स्तर पर युवा उद्यमियों का विकास करना है।
- इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में सरकारी स्कूलों में कक्षा 11 और 12 के छात्रों को व्यवसाय शुरू करने हेतु 2,000 रुपए की सीड मनी प्रदान की जाएगी, जिससे बच्चे रोज़गार के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि वे रोज़गार के अवसरों का सृजन करेंगे।
- इस कार्यक्रम को दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस- खिचड़ीपुर’ में शुरू किया गया था।
‘ऑसइंडेक्स’ 2021
- भारत और ऑस्ट्रेलिया ने ऑसइंडेक्स नौसैनिक अभ्यास के चौथे संस्करण में भाग लिया।
- यह मालाबार नौसैनिक अभ्यास के बाद शुरू हुआ है।
- मालाबार अभ्यास भारत के सबसे बड़े युद्ध अभ्यासों में से एक है तथा अगस्त 2021 के अंतिम सप्ताह में इसका आयोजन किया गया था जिसमें क्वाड के सभी चार सदस्यों – भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान ने भाग लिया था।
- यह अभ्यास दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत में नौसेना के पूर्वी बेड़े की दो महीने की तैनाती का एक हिस्सा है।
ऑसइंडेक्स
- यह एक प्रमुख द्विवार्षिक द्विपक्षीय अभ्यास है, जो पहली बार वर्ष 2015 में भारत में आयोजित किया गया था।
- इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने वाली क्षेत्रीय तथा वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के प्रति साझा प्रतिबद्धता को मज़बूत करना है।