विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस
- प्रतिवर्ष 08 सितंबर को वैश्विक स्तर पर ‘विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
- यह दिवस लोगों को फिट और स्वस्थ्य बनाने में फिज़ियोथेरेपिस्ट की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करता है।
- इस वर्ष ‘विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस’ कोविड-19 संक्रमण से रिकवरी और इससे प्रभावित लोगों के प्रबंधन तथा उपचार में फिज़ियोथेरेपी की भूमिका पर केंद्रित है।
- 08 सितंबर को वैश्विक स्तर पर ‘विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस’ के रूप में वर्ष 1996 में नामित किया गया था।
फिज़ियोथेरेपी
- फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी प्रणाली है, जिसकी सहायता से जटिल रोगों का इलाज आसानी से किया जाता है।
- फिज़ियोथेरेपी किसी भी प्रकार की पुरानी चोट से निपटने और भविष्य में चोट को रोकने में सक्षम है।
वाराणसी-चुनार क्रूज़ सेवा
- उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने राज्य में जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ‘वाराणसी-चुनार क्रूज़ सेवा’ की शुरुआत की है।
- यह क्रूज़ सेवा गंगा नदी में वाराणसी से मिर्जापुर के ऐतिहासिक ‘चुनार किले’ तक संचालित होगी।
- राज्य सरकार इस यात्रा को प्रयागराज में संगम तक बढ़ाने की योजना बना रही है।
चुनार किला
- चुनार किले को चंद्रकांता चुनारगढ़ और चरणाद्री के नाम से भी जाना जाता है।
- चुनार किला गंगा नदी के तट के पास ‘कैमूर पहाड़ियों’ पर स्थित है।
- चुनार किले का इतिहास तकरीबन 56 ईसा पूर्व का है, जब राजा विक्रमादित्य ‘उज्जैन’ के शासक थे।
- इसके पश्चात् यह मुगलों, सूरी, अवध के नवाबों और अंत में अंग्रेज़ों के नियंत्रण में आ गया।
- वर्ष 1791 में यूरोपीय और भारतीय बटालियनों ने चुनार किले को अपना मुख्यालय बनाया।
- वर्ष 1815 के बाद से चुनार किले को कैदियों के लिये निवास स्थान के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा।
- वर्ष 1849 में महाराजा रणजीत सिंह की पत्नी ‘रानी जींद कौर’ को भी यहाँ कैद किया गया था।
आईएनएस ‘हंस’ को ‘प्रेसीडेंट कलर अवार्ड’
- भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर और भारतीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने INS ‘हंस’ (गोवा स्थित भारतीय नेवल एविएशन) को ‘प्रेसीडेंट कलर अवार्ड’ या ध्वज प्रदान किया है।
- शांति और युद्ध दोनों स्थितियों में राष्ट्र को दी गई असाधारण सेवा के सम्मान में एक सैन्य इकाई को राष्ट्रपति द्वारा यह अवार्ड प्रदान किया जाता है।
- भारतीय नौसेना 27 मई, 1951 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से ध्वज प्राप्त करने वाली पहली भारतीय सशस्त्र सेना थी।
- इसके बाद नौसेना में राष्ट्रपति का ध्वज प्राप्त करने वालों में दक्षिणी नौसेना कमान, पूर्वी नौसेना कमान, पश्चिमी नौसेना कमान, पूर्वी बेड़ा, पश्चिमी बेड़ा, पनडुब्बी शाखा, आईएनएस शिवाजी और भारतीय नौसेना अकादमी शामिल हैं।