हाल ही में केंद्रीय खेल मंत्री ने ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के अवसर पर ‘फिट इंडिया मोबाइल एप’ का शुभारंभ किया है।
फिट इंडिया एप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर अंग्रेज़ी एवं हिंदी में निःशुल्क उपलब्ध है।
‘फिट इंडिया मोबाइल एप’ प्रत्येक भारतीय को मोबाइल के माध्यम से फिटनेस स्तर की जाँच करने की सुविधा प्रदान करता है।
साथ ही एप्लीकेशन की ‘एक्टिविटी ट्रैकर’ सुविधा दैनिक गतिविधि पर नज़र रखने में मदद करती है।
यह एप व्यक्तियों को दैनिक स्तर पर जल की मात्रा, कैलोरी मात्रा और नींद के घंटों की भी निगरानी रखने में मदद करता है।
Background– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अगस्त, 2019 को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के अवसर पर ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य फिटनेस को प्रत्येक भारतीय के जीवन का अभिन्न अंग बनाना था।
बुद्धदेब गुहा
‘मधुकरी’ जैसी कई उल्लेखनीय रचनाओं के रचयिता प्रख्यात बांग्ला लेखक ‘बुद्धदेब गुहा’ का हाल ही में 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है।
प्रधानमंत्री ने बुद्धदेब गुहा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
29 जून, 1936 को कलकत्ता में जन्मे बुद्धदेब गुहा ने अपना बचपन मुख्यतः पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के रंगपुर और बारीसाल ज़िलों में बिताया था।
उनके बचपन के अनुभवों और यात्राओं ने उन पर गहरी छाप छोड़ी, जो बाद में उनकी रचनाओं में परिलक्षित हुई।
उनके उपन्यासों और लघु कथाओं की आलोचकों द्वारा अत्यधिक प्रशंसा की गई है और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसमें वर्ष 1976 में आनंद पुरस्कार, शिरोमन पुरस्कार और शरत पुरस्कार आदि शामिल हैं।
‘मधुकरी’ के अलावा उनकी महत्त्वपूर्ण कृतियों में ‘कोयलर कच्छे’ (कोयल नदी के पास) और ‘सोबिनॉय निबेदों’ (विनम्र भेंट) भी शामिल हैं।
बुद्धदेब गुहा की तमाम रचनाएँ पूर्वी भारत की प्रकृति और जंगलों के साथ उनकी निकटता को दर्शाती हैं।
उनकी दो कृतियों- ‘बाबा होवा’ (बीइंग ए फादर) और ‘स्वामी होवा’ (बीइंग ए हसबैंड) पर एक पुरस्कार विजेता बंगाली फिल्म ‘डिक्शनरी’ भी बनाई गई थी।
अवनि लेखरा
भारतीय पैरालिंपियन और राइफल शूटर ‘अवनि लेखरा’ ने हाल ही में पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया है और वे स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।
अवनि लेखरा ने वर्ष 2016 के रियो खेलों के स्वर्ण पदक विजेता चीन के क्यूपिंग झांग को पीछे छोड़ दिया है।
जयपुर की 19 वर्षीय अवनि लेखरा, जिन्हें वर्ष 2012 में एक कार दुर्घटना के दौरान रीढ़ की हड्डी में चोट का सामना करना पड़ा था, ने कुल 249.6 अंक अर्जित किये, जो कि स्वयं में एक पैरालंपिक विश्व रिकॉर्ड है।
इसके अलावा वह तैराक मुरलीकांत पेटकर (1972), भाला फेंकने वाले देवेंद्र झाझरिया (2004 और 2016) और हाई जम्पर मरियप्पन थंगावेलु (2016) के बाद पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली चौथी भारतीय एथलीट भी हैं।
यह अवनि लखेरा का पहला बड़ा अंतर्राष्ट्रीय पदक भी है। वर्ष 2019 में पिछली विश्व चैंपियनशिप में वह चौथे स्थान पर रही थीं।