ऑपरेशन देवी शक्ति
- तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद काबुल से भारतीय नागरिकों और अफगान भागीदारों को बाहर निकालने के लिये भारत ने ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ नाम से एक अभियान की शुरुआत की है।
- इस जटिल निकासी अभियान की शुरुआत तालिबान द्वारा अफगान राजधानी पर कब्ज़ा करने के एक दिन बाद 16 अगस्त को तब हुई थी, जब भारत द्वारा 40 भारतीयों को काबुल से एयरलिफ्ट किया गया था।
- काबुल में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के मद्देनज़र इस अभियान के तहत अब तक भारत ने कुल 800 से अधिक लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है।
- बीते दिनों अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अफगानिस्तान के कट्टरपंथी राजनीतिक और सैन्य संगठन तालिबान ने राजधानी काबुल पर कब्ज़ा कर लिया था, जिसके बाद से अफगानिस्तान में स्थिति काफी अस्थिर एवं चिंताजनक बनी हुई है, ऐसे में तमाम देशों द्वारा अपने नागरिकों और अफगान भागीदारों को बाहर निकालने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं।
- यद्यपि तालिबान ने घोषणा की है कि किसी के साथ भी हिंसा नहीं की जाएगी और वह शांतिपूर्ण ट्रांज़िशन प्रक्रिया का सम्मान करेगा, किंतु लोगों के बीच तालिबान शासन को लेकर डर बना हुआ है।
‘सुजलम’ अभियान
- हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के अंतर्गत ‘सुजलम’ अभियान की शुरुआत की है, जिसके द्वारा ग्रामीण स्तर पर अपशिष्ट जल प्रबंधन संबंधी गतिविधियों जैसे- दस लाख सोख-गड्ढों का निर्माण और अन्य ग्रेवाटर प्रबंधन गतिविधियों के माध्यम से अधिक-से-अधिक गाँवों को ओडीएफ प्लस गाँवों में परिवर्तित करने का प्रयास किया जाएगा।
- ‘सुजलम’ अभियान को आगामी 100 दिनों के लिये संचालित किया जाएगा। इस अभियान के माध्यम से न केवल गाँवों में ग्रेवाटर प्रबंधन के लिये वांछित बुनियादी संरचना अर्थात् सोख गड्ढों का निर्माण किया जाएगा, बल्कि जल के सतत् प्रबंधन में भी सहायता प्राप्त होगी।
- ‘सुजलम’ अभियान के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी द्वारा ‘स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण’ के फेज़-II की गतिविधियों को तीव्रता प्राप्त होगी तथा इससे ओडीएफ-प्लस गतिविधियों के बारे में जागरूकता को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
- ‘सुजलम’ अभियान के अंतर्गत गाँवों में आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में- सामुदायिक परामर्श और ग्राम सभा का आयोजन, 100 दिवसीय कार्ययोजना विकसित करना, आवश्यक सोख गड्ढों का निर्माण करना, शौचालयों का निर्माण करना और गाँव के सभी परिवारों को शौचालय की सुविधा प्रदान करना आदि शामिल हैं।
37वीं प्रगति बैठक
- हाल ही में प्रधानमंत्री ने ‘प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन’ (प्रगति) के 37वें संस्करण की अध्यक्षता की। यह सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारित एक मल्टीमॉडल प्लेटफॉर्म है, जिसमें केंद्र तथा राज्य सरकारें शामिल हैं।
- इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ (ONORC) योजना समेत 1,26,000 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की।
- ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत देश में कहीं भी किसी भी उचित मूल्य की दुकान पर प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को रियायती खाद्यान्न उपलब्ध कराना है।
‘प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन’ (प्रगति) के बारे में
- प्रगति को वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था ।
- प्रगति को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की टीम ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Center- NIC) की मदद से डिज़ाइन किया है।
- यह प्रधानमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर ज़मीनी स्तर की जानकारी प्राप्त करने के लिये केंद्र एवं राज्य के अधिकारियों के साथ चर्चा करने में सक्षम बनाता है।
- यह भारत सरकार के सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों को एक साथ एक मंच पर लाकर देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है।