डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज 5.0
- रक्षा मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस- डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइज़ेशन’ (iDEX-DIO) के तहत ‘डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 5.0’ का शुभारंभ किया है।
- ‘डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज के तहत सिचुएशनल अवेयरनेस, ऑगमेंटेड रियलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एयरक्राफ्ट-ट्रेनर, नॉन-लेथ डिवाइस, 5G नेटवर्क, अंडर-वाटर डोमेन अवेयरनेस, ड्रोन स्वार्म और डेटा कैप्चरिंग जैसे क्षेत्रों को कवर किया गया है।
- ‘डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज 5.0’ का उद्देश्य भारतीय रक्षा क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर’ बनाना है।
‘डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइज़ेशन’ (DIO)
- ‘डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइज़ेशन’ (DIO) कंपनी अधिनियम 2013 की धारा-8 के तहत पंजीकृत एक ‘गैर-लाभकारी’ कंपनी है।
- इसके दो संस्थापक सदस्य ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (HAL) और ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ (BEL)- रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (DPSUs) हैं।
- ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ और ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ नवरत्न कंपनियाँ हैं।
‘ZyCoV-D’ वैक्सीन
- भारतीय दवा नियामक की विषय विशेषज्ञ समिति ने आपातकालीन उपयोग के लिये ‘ज़ाइडस कैडिला’ कंपनी की तीन-खुराक वाली कोविड-19 वैक्सीन- ‘ZyCoV-D’ को मंज़ूरी देने की सिफारिश की है।
- जेनेरिक दवा निर्माता कंपनी ‘ज़ाइडस कैडिला’ ने देश भर में 25,000 से अधिक स्वयंसेवकों के परीक्षण में 66.6% की प्रभावकारिता दर के आधार पर ‘ZyCoV-D’ वैक्सीन को मंज़ूरी देने के लिये आवेदन किया था।
- ‘ZyCoV-D’ एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है जो SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करती है और मानव प्रतिरक्षा प्रणाली के सेलुलर (T लिम्फोसाइट्स इम्युनिटी) तथा ह्यूमरल (एंटीबॉडी-मध्यस्थता प्रतिरक्षा) के ज़रिये प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रदान करती है।
- ‘ZyCoV-D’ वैक्सीन स्थानीय रूप से उत्पादित ‘कोविशील्ड’, भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सिन’, रूस की ‘स्पुतनिक वी’ और अमेरिका में निर्मित ‘मॉडर्ना’ के बाद देश में उपयोग के लिये स्वीकृत पाँचवीं वैक्सीन बन जाएगी।
- साथ ही यह किसी भी देश में मंज़ूरी पाने वाली दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन भी बन जाएगी।