जाम्बिया के विपक्षी नेता हाकैंडे हिचिलेमा को देश का नया राष्ट्रपति चुना गया है।
हाकैंडे हिचिलेमा का जन्म दक्षिणी ज़िले ‘मोंज़े’ में 04 जून, 1962 को हुआ था।
जाम्बिया विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने ब्रिटेन में ‘बर्मिंघम विश्वविद्यालय’ से एमबीए की डिग्री हासिल की।
वर्तमान में वे जाम्बिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक हैं और वित्त, पशुपालन, संपत्ति, स्वास्थ्य देखभाल तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में उनके व्यावसायिक हित मौजूद हैं।
जाम्बिया देश अधिकांशतः पठारीय क्षेत्र है, जो पूर्व में 8,000 फीट (2,434 मीटर) तक ऊँचा है।
छात्र उद्यमिता कार्यक्रम 3.0
अटल इनोवेशन मिशन (AIM) नीति आयोग ने भारत में ‘ला फोंडेशन डसॉल्ट सिस्टम्स’ के सहयोग से हाल ही में ‘अटल टिंकरिंग लैब्स‘ (ATL) के युवा नवप्रवर्तकों के लिये ‘छात्र उद्यमिता कार्यक्रम 3.0′ (SEP 3.0) की शुरुआत की है।
‘छात्र उद्यमिता कार्यक्रम 3.0’ की थीम ‘मेड इन 3डी-सीड द फ्यूचर एंटरप्रेन्योर्स प्रोग्राम’ पर आधारित है, जिसे 2017 में ‘ला मेन आ ला पाटे फाउंडेशन’ और ‘ला फोंडेशन डसॉल्ट सिस्टम्स’ द्वारा फ्रांँस में तैयार और शुरू किया गया था।
इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें फ्रांँस और भारतीय स्कूलों के बीच छात्रों व शिक्षकों के लिये बातचीत के अवसर होंगे।
इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में प्रत्येक स्कूल (6 छात्र और एक शिक्षक) की एक टीम को 3डी प्रिंटिंग का उपयोग करके अपना स्वयं का स्टार्टअप, डिज़ाइन और प्रोटोटाइप बनाने, मार्केटिंग अभियान तैयार करने, उत्पाद मूल्य निर्धारण को परिभाषित करने और विस्तार करने की रणनीति के लिये सीड फंडिंग आवंटित की जाएगी। इससे उन्हें ‘स्टार्टअप कैसे काम करता है’, का वास्तविक अनुभव प्राप्त होगा।
कार्यक्रम के अंत में प्रत्येक स्कूल का स्टार्टअप एक प्रतियोगिता में हिस्सा लेगा और उद्योग एवं शिक्षा जगत के विशेषज्ञों के सामने अपना मार्केटिंग अभियान प्रस्तुत करेगा।
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मज़दूर न्याय योजना
छत्तीसगढ़ सरकार ने 12 लाख भूमिहीन परिवारों को लाभान्वित करने हेतु 200 करोड़ रुपए के प्रावधान के साथ ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मज़दूर न्याय योजना’ की शुरुआत की है।
यह ग्रामीण भूमिहीन मज़दूरों के लिये आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में अपनी तरह की पहली योजना है।
राज्य सरकार के मुताबिक, इस योजना राशि को वित्तीय वर्ष 2021-2022 के अनुपूरक बजट में शामिल किया गया है।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण भूमिहीन मज़दूरों को न्यूनतम मज़दूरी के साथ समर्थन प्रदान करना है ताकि बुनियादी सुविधाओं तक उनकी पहुँच सुनिश्चित की जा सके। योजना के लाभार्थी समर्पित पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
योजना के तहत लाभार्थी परिवारों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से मुख्य तौर पर मनरेगा और ठेका श्रमिकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा समाज के अन्य समूहों जैसे- नाइ, धोबी, लोहार और पुजारी आदि को भी इस योजना के तहत कवर किया जाएगा।