11 September 2021 Current News


यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे

  • वर्ष 1893 में शिकागो में भारतीय विचारक और अध्यात्मवादी स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये गए ऐतिहासिक भाषण की याद में प्रतिवर्ष 11 सितंबर को ‘यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे’ मनाया जाता है।
  • स्वामी विवेकानंद द्वारा यह प्रतिष्ठित भाषण 11 सितंबर से 27 सितंबर, 1893 तक आयोजित पहली विश्व धर्म संसद में दुनिया भर के प्रतिनिधियों के बीच दिया गया था।
  • यह भाषण अपने शुरुआती शब्दों- ‘अमेरिकी बहनों और भाइयों’ के लिये काफी लोकप्रिय है, जिसके लिये उन्हें दो मिनट का लंबा स्टैंडिंग ओवेशन मिला था।
  • अपने भाषण में उन्होंने धार्मिक सर्वोच्चता के विचार का विरोध किया और न केवल पारस्परिक सहिष्णुता एवं धार्मिक स्वीकृति के संदेश का प्रचार किया, बल्कि दोनों को परिभाषित करने तथा दोनों के बीच अंतर को स्पष्ट करने का भी प्रयास किया।

स्वामी विवेकानंद

  • स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ और उनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था।
  • वह रामकृष्ण परमहंस के मुख्य शिष्य एवं भिक्षु थे।
  • उन्होंने वेदांत और योग के भारतीय दर्शन का परिचय पश्चिमी दुनिया को कराया।
  • विवेकानंद का विचार उनके गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस के आध्यात्मिक प्रयोगों पर आधारित है।
    • विवेकानंद एक मानवतावादी चिंतक थे।

एटीएल स्पेस चैलेंज 2021

  • ‘नीति आयोग’ के ‘अटल इनोवेशन मिशन’ ने ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) और ‘केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड’ के सहयोग से ‘एटीएल स्पेस चैलेंज 2021’ लॉन्च किया है।
  • इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को एक स्वतंत्र मंच प्रदान किया जा सके, जहाँ वे डिजिटल युग से संबंधित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी समस्याओं को हल करने हेतु स्वयं को नवाचार के लिये सक्षम कर सकें।
  • एटीएल (अटल टिंकरिंग लैब्स) और गैर-एटीएल दोनों स्कूलों के छात्र अपनी प्रविष्टियाँ जमा कर सकते हैं।
  • इसके तहत स्कूल के शिक्षक, एटीएल प्रभारी और संरक्षक, छात्र टीमों का समर्थन करेंगे।

सरदार इकबाल सिंह लालपुरा

  • पंजाब कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने ‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग’ के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला है।

अल्पसंख्यक आयोग

  • अल्पसंख्यक आयोग एक सांविधिक निकाय है, जिसकी स्थापना राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत की गई थी।
  • यह निकाय भारत के अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और हितों की रक्षा हेतु अपील के लिये एक मंच के रूप में कार्य करता है।
  • राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के मुताबिक, आयोग में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष समेत कुल सात सदस्य का होना अनिवार्य है, जिसमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन समुदायों के सदस्य शामिल हैं।
  • प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल पद धारण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि तक होता है।
  • एक महत्त्वपूर्ण निकाय के रूप में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) भारत के अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्त्व प्रदान करता है, जिससे उन्हें लोकतंत्र में अपने आप को प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है।
  • आयोग ने अतीत में कई महत्त्वपूर्ण सांप्रदायिक दंगों और संघर्षों की जाँच की है, उदाहरण के लिये वर्ष 2011 के भरतपुर सांप्रदायिक दंगों की जाँच आयोग ने की थी तथा वर्ष 2012 में बोडो-मुस्लिम संघर्ष की जाँच के लिये भी आयोग ने एक दल असम भेजा था।

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