तेलंगाना सरकार का ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ कार्यक्रम 11 सितंबर को लॉन्च होने के लिये पूरी तरह तैयार है।
‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ परियोजना का उद्देश्य राज्य में चिकित्सा आपूर्ति शृंखला में सुधार हेतु वितरण के एक मोड के रूप में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देना है।
‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ परियोजना के प्रारंभिक चरण में वितरण केंद्रों से विशिष्ट स्थानों तक दवा पहुँचाने में ड्रोन प्रोद्योगिकी की मज़बूती और विश्वसनीयता का परीक्षण किया जाएगा।
‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ के माध्यम से दवाओं, टीकों, रक्त की इकाइयों, नैदानिक नमूनों और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की डिलीवरी की जा सकेगी।
इस परियोजना का नेतृत्व ‘विश्व आर्थिक मंच’, ‘नीति आयोग’ और ‘हेल्थनेट ग्लोबल’ (अपोलो हॉस्पिटल्स) के साथ साझेदारी में तेलंगाना सरकार के आईटी विभाग के तहत ‘इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज़ विंग’ द्वारा किया जा रहा है और इसका लक्ष्य ‘बियॉन्ड विज़ुअल लाइन ऑफ साइट’ (BVLOS) ड्रोन उड़ान शुरू करना है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन ऑफशोर विंड
भारत और डेनमार्क दोनों देशों के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन ऑफशोर विंड’ का शुभारंभ किया है।
‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन ऑफशोर विंड’ इस लिहाज़ से काफी महत्त्वपूर्ण है कि ‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय’ ने वर्ष 2030 तक अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से 30 गीगावाट (GW) क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
भारत अपनी 7,600 किलोमीटर की तटरेखा के साथ विशाल पवन ऊर्जा क्षमता का उपयोग करके अपतटीय ऊर्जा शुल्कों को कम करने हेतु योजना बना रहा है।
प्रारंभिक चरणों में यह ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ केवल अपतटीय पवन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगा, किंतु समय के साथ इसके कार्यक्षेत्र में भी विस्तार किया जाएगा।