राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA), भारत में बाघ जनगणना
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय (Statutory Body) है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की सिफारिशों के बाद की गई थी।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की स्थापना वर्ष 2006 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों में संशोधन करके की गई। प्राधिकरण की पहली बैठक नवंबर 2006 में हुई थी।
- इसका गठन वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत किया गया था तथा इसे सौंपे गए शक्तियों और कार्यों के अनुसार, बाघ संरक्षण मजबूती प्रदान करने के लिये वर्ष 2006 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया था।
- यह राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के प्रयासों का ही परिणाम है कि देश में विलुप्त होते बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
भारत में बाघ जनगणना
- देश में प्रत्येक 4 वर्ष में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा पूरे भारत में बाघों की जनगणना की जाती है।
- इस प्रकार का आयोजन सर्वप्रथम वर्ष 2006 में किया गया था।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना कब हुई थी?
दिसंबर 2005
भारत में बाघ परियोजना की शुरुआत कब हुई?
वर्ष 1973 में शुरू हुई देश की इस पहली बाघ परियोजना के वक़्त यहाँ 50 बाघ ही मौजूद थे. बाघ संरक्षण योजना ‘प्रॉजेक्ट टाइगर’ शुरू होने के बाद 1992 में यह संख्या बढ़कर 122 हो गई. वर्ष 2005 में तो यहाँ बाघों की संख्या 141 तक पहुंच चुकी थी.
भारत की सबसे बड़ी बाघ परियोजना कौन सी है?
जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान (जिम कार्बेट नेशनल पार्क) से भारत की पहली बाघ परियोजना शुरू की गई थी। जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान (जिम कार्बेट नेशनल पार्क) उत्तराखंड में स्थित है।
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत की सबसे बड़ी बाघ परियोजना नागार्जुन सागर बाघ परियोजना है।