महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम अर्थात् मनरेगा को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, 2005 (NREGA-नरेगा) के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
वर्ष 2010 में नरेगा (NREGA) का नाम बदलकर मनरेगा (MGNREGA) कर दिया गया।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (NREGS) का प्रस्ताव इसी अधिनियम के तहत किया गया था।
इस अधिनियम के तहत ग्रामीण भारत में प्रत्येक परिवार के अकुशल श्रम करने के इच्छुक वयस्क सदस्यों (18 वर्ष की आयु से अधिक) के लिये 100 दिन का गारंटीयुक्त रोज़गार का प्रावधान किया गया है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आजीविका सुरक्षा प्रदान की जा सके।
योजना के तहत केंद्र सरकार अकुशल श्रम की पूरी लागत और सामग्री की लागत का 75 प्रतिशत हिस्सा (शेष राज्यों द्वारा वहन किया जाता है) वहन करती है।
यह एक मांग-संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना है जिसका उद्देश्य ‘काम के अधिकार’ को मूर्त रूप प्रदान करना है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी की जाती है।